Devi Saraswati-文本歌词

Devi Saraswati-文本歌词

Nandinii Dev
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कवी, कालिदास को पहला अक्षर साकार कराने वाली सूक्ष्म रेखा ज्ञान की आधार पार कराने वाली देवी कालिदास को पहला अक्षर साकार कराने वाली सूक्ष्म रेखा ज्ञान की आधार पार कराने वाली देवी ज्ञान की गंगा है मिले सुर संगम में बिना धारी है बिना पानी सुश्री सरस्वती रूप में देवी सरस्वती देवी सरस्वती हमारी देवी सरस्वती हमारी देवी सरस्वती ज्ञान की दुनिया में आभार भरे देवी सरस्वती देवी अनमोल रतना है हमारे मानव जीवन में बिनाधारीनी, बिनापानी सुश्री, सरस्वती रूप में देवी सरस्वती देवी सरस्वती हमारी देवी सरस्वती हमारी देवी सरस्वती ज्ञान की दुनिया में आभार भरे देवी सरस्वती शब्दों की माला में हर अक्षर फूल जैसी है ज्ञान की उजाले में देवी,नींब की मूल ही है हमारी देवी सरस्वती हमारी देवी सरस्वती ज्ञान की दुनिया में आभार भरे देवी सरस्वती